भारत अपनी वायु शक्ति को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। पूर्वी लद्दाख में चांगथांग न्योमा (मुध) एयरबेस, जो 13,700 फीट की ऊंचाई पर दुनिया का सबसे ऊंचा एयरबेस है। यह एयरबेस अब पूरी तरह से चालू हो गया है, जिससे भारत की हिमालयी सीमा मजबूत हो गई है! मीडिया रिपोर्टों में यह दावा सही बताया जा रहा है और यह बेस 31 अक्टूबर से चालू हो गया है। अब डरने की बारी चीन की है, जिसके इरादों में खोट है। इस बेस के सिंधु नदी के पास होने की वजह से पाकिस्तान में भी इसे लेकर खौफ है। पूरा मामला समझते हैं।
क्या है न्योमा का मुध एयरबेस और यह कितना अहम
सिंधु नदी घाटी के पास पूर्वी लद्दाख के चांगथांग क्षेत्र में स्थित न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड (ALG) 13,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जो इसे लड़ाकू विमानों के लिए दुनिया का सबसे ऊंचा परिचालन एयरबेस बनाता है। मैप पर इसे लेह शहर से लगभग 160 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास, पैंगोंग त्सो झील के दक्षिण में और काराकोरम पर्वत श्रृंखला के पूर्व में देखा जा सकता है। यह भारत के उच्च-ऊंचाई वाले हवाई अभियानों को मजबूत करता है, जिससे सीमा पर तनाव के बीच तेज उड़ानें संभव होती हैं।
न्योमा से उड़ेंगे SU-30 लड़ाकू विमान
हालांकि रक्षा मंत्रालय या भारतीय वायुसेना की ओर से न्योमा में कामकाज के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिनके इसी महीने पूरा होने की उम्मीद थी। मगर, सोशल मीडिया पर इस बेस को लड़ाकू अभियानों के लिए चालू किए जाने की खबरें चर्चा में हैं और इस बेस से SU-30 विमानों के संचालन की कुछ तस्वीरें भी वायरल हो रही हैं। इस बारे में ग्रोक से पूछे जाने पर उसने भी इस बेस के चालू होने की बात कही है। ग्रोक के मुताबिक, हालिया रिपोर्ट्स इस बात की पुष्टि करती हैं कि पूर्वी लद्दाख में चांगथांग न्योमा (मुध) एयरबेस अब अक्टूबर 2025 तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा।